Hello Students. Are you Searching for Class 12 Hindi NCERT Solutions of Chapter 11? If yes then you are in the right place. Here we have provided you with the Question and Answers of Chapter 11: भक्तिन. These solutions are written by expert teachers and are so accurate to rely on.
Chapter | 11. भक्तिन |
Subject | Hindi |
Textbook | Aroh, गद्य भाग |
Class | Twelve |
Category | NCERT Solutions for Class 12 |
NCERT Solutions for Class 12 Hindi is a great resource for students to prepare for their Board Examinations. These Solutions covers the every question and answer of Class 12 Hindi Chapter 11: भक्तिन. They are made by expert teachers and faculties keeping in view the new curriculum of CBSE.
NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 11 Question Answer
भक्तिन Solutions
पाठ के साथ
Q1) भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी? भक्तिन को यह नाम किसने और क्यों दिया होगा?
Answer) इसके पीछे भक्तिन की रूढ़ीवादी सोच है। भक्तिन का असली नाम लक्ष्मी है। लक्ष्मी धन की देवी को माना जाता है। विडंबना देखिए कि लक्ष्मी यानी की भक्तिन के जीवन में धन कहीं नहीं था। अतः उसे अपना नाम विरोधाभास प्रतीत होता है। लक्ष्मी नाम होने के बाद भी वह कंगाल है। लोगों द्वारा इस नाम को बुलाना उसे स्वयं का उपहास लगता है। अतः वह अपने असली नाम को छुपाना चाहती है। जब भक्तिन से लेखिका ने उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम तो बताया मगर साथ में लेखिका से निवेदन किया कि उसे उसके वास्तविक नाम से पुकारा नहीं जाए। लेखिका ने उसकी बात मान ली। भक्तिन ने गले में कंठी माला पहन रखी थी। उसकी संन्यासी जैसी छवि देखकर लेखिका ने उसको भक्तिन नाम दे दिया। भक्तिन को अपना यह नाम बहुत पसंद आया।
Q2) दो कन्या-रत्न पैदा करने पर भक्ति पुत्र-महिमा में अँधी अपनी जिठानियों द्वारा घृणा व उपेक्षा का शिकार बनी। ऐसी घटनाओं से ही अकसर यह धारणा चली है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है। क्या इससे आप सहमत हैं?
Answer) हाँ मैं इस बात से बिलकुल सहमत हूँ। जब भक्तिन अर्थात् लछिमन ने दो पुत्रियों को जन्म दिया तो उसके ससुराल वालों ने उस पर घोर अत्याचार किए। उसकी जेठानियों ने उस पर बहुत जुल्म ढाए। इसी कारण उसकी बेटियों को दिन भर काम करना पड़ता था। इन सभी बातों से सिद्ध होता है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन है। उसकी जेठानियों ने तो जमीन हथियाने के लिए लछमिन की विधवा बेटी से अपने भाई का विवाह करने की योजना बनाई, जब यह योजना नहीं सफल हुई तो लछमिन पर अत्याचार बढ़ते गए।
Q3) भक्तिन की बेटी पर पंचायात द्वारा ज़बरन पति थोपा जाना दुर्घटना भर नहीं, बल्कि विवाह के संदर्भ में स्त्री के मानवाधिकार (विवाह करें या न करें अथवा किससे करें) इसकी स्वतंत्रता को कुचले रहने की सदियों से चली आ रही सामाजिक परंपरा का प्रतीक है। कैसे?
Answer) भक्तिन की विधवा बेटी के साथ उसके ताऊ के लड़के के साले ने जबरदस्ती करने की कोशिश की। लड़की ने उसकी खूब पिटाई की, परंतु पंचायत ने अपीलहीन फ़ैसले में उसे तीतरबाज युवक के साथ रहने का फ़ैसला सुनाया। यह सरासर स्त्री के मानवाधिकारों का हनन है। भारत में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। यहाँ शादी करने का निर्णय सिर्फ़ पुरुष के हाथ में होता है। महाभारत में द्रौपदी को उसकी इच्छा के विरुद्ध पाँच पतियों की पत्नी बनना पड़ा। मीरा की शादी बचपन में ही कर दी गई तथा लक्ष्मीबाई की शादी अधेड़ उम्र के राजा के साथ कर दी गई। ऐसे अनेक उदाहरण हैं जहाँ अयोग्य लड़के के साथ गुणवती कन्या का विवाह किया गया तथा लड़की की जिंदगी नरक बना दी गई।
Q4) भक्तिन अच्छी है, यह कहना कठिन होगा, क्योंकि उसमें दुर्गुणों का अभाव नहीं लेखिका ने ऐसा क्यों कहा होगा?
लेखिका भक्तिन के साथ वर्षों से रह रही थी। वह उसे बहुत अच्छी तरह से जानती थी। उसमें विभिन्न के प्रकार दुर्गुण विद्यमान थे। वे बिना पूछे पैसे उठाकर रख लेती थी। उसे अच्छा खाना बनाना नहीं आता था। वह झूठ बहुत बोलती थी। लेखिका की मुख मुद्रा के अनुसार लोगों के साथ बातचीत करती थी। अर्थात लेखिका को जो पसंद नहीं आता, उससे ढंग से बात नहीं करती थी और जो लेखिका को अच्छा लगता था, उससे ही अच्छी तरह से बात करती थी। अपनी गलत बात को सही करने के हज़ारों तर्क सामने रख देती थी। वह लेखिका की सुविधा नहीं देखती थी, हर बात को वह अपनी सुविधा अनुसार करती थी। यही कारण है लेखिका ने कहा होगा कि भक्तिन अच्छी है, यह कहना कठिन होगा क्योंकि उसमें दुर्गुणों का अभाव नहीं।
Q5) भक्तिन द्वारा शास्त्र के प्रश्न को सुविधा से सुलझा लेने का क्या उदाहरण लेखिका ने दिया है?
Answer) भक्तिन की यह विशेषता है कि वह हर बात को, चाहे वह शास्त्र की ही क्यों न हो, अपनी सुविधा के अनुसार ढाल लेती है। वह सिर घुटाए रखती थी, लेखिका को यह अच्छा नहीं लगता था। जब उसने भक्तिन को ऐसा करने से रोका तो उसने अपनी बात को ऊपर रखा तथा कहा कि शास्त्र में यही लिखा है। जब लेखिका ने पूछा कि क्या लिखा है? उसने तुरंत उत्तर दिया-तीरथ गए मुँड़ाए सिद्ध। यह बात किस शास्त्र में लिखी गई है, इसका ज्ञान भक्तिन को नहीं था। जबकि लेखिका जानती थी कि यह कथन किसी व्यक्ति का है, न कि शास्त्र का। अत: वह भक्तिन को सिर घुटाने से नहीं रोक सकी तथा हर बृहस्पतिवार को उसका मुंडन होता रहा।
Q6) भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती कैसे हो गईं?
Answer) भक्तिन के प्रभाव में आकर लेखिका देहाती हो गई थीं। दोनों एक साथ बहुत समय तक रहीं लेकिन भक्तिन लेखिका के प्रभाव में न आ सकी। यह अवश्य हुआ कि लेखिका को भक्तिन के प्रभाव में आना पड़ा। देहाती खाने की अनेक प्रकार की विशेषताएँ बता-बताकर देहाती खाने का आदी बना दिया। लेखिका की वह शहरी भाषा नहीं सीख पायी लेकिन लेखिका उसकी देहाती भाषा सीख गई थी। लेखिका ने उसके अनुसार जीना सीख लिया था।
पाठ के आसपास
Q1) ‘आलो आँधारि’ की नायिका और लेखिका बेबी हालदार और भक्तिन के व्यक्तित्व में आप क्या समानता देखते हैं?
Answer) इन दोनों में बहुत प्रकार की समानताएँ विद्यमान थीं। वे इस प्रकार हैं-
- (क) दोनों ही शिक्षा के मामले में कमज़ोर थी। भक्तिन अशिक्षित थी तथा बेबी हालदार ने सातवीं तक पढ़ाई की थी।
- (ख) दोनों का जीवन कष्टों से भरा हुआ था।
- (ग) दोनों को ही सेविका का काम करना पड़ रहा था।
- (घ) दोनों को ही परिवार की तरफ से सहारा नहीं मिला। उन्हें परिवार से उपेक्षा और तिरस्कार प्राप्त हुआ।
Q2) भक्तिन की बेटी के मामले में जिस तरह फैसला पंचायत ने सुनाया, वह आज भी कोई हैरतअंगेज़ बात नहीं है। अखबारों या टी०वी० समाचारों में आने वाली किसी ऐसी ही घटना को भक्तिन के उस प्रसंग के साथ रखकर उस पर चर्चा करें।
Answer) पिछले दिनों अखबारों में पढ़ा और टी०वी० पर देखा कि राजस्थान के एक गाँव में केवल दो साल की बच्ची के साथ एक 20 वर्षीय युवक ने बलात्कार किया। आरोपी को बाद में लोगों ने पकड़ भी लिया। पंचायत हुई। इस पंचायत में फैसला सुनाया गया कि आरोपी को दस जूते लगाए जाएँ। दस जूते लगाकर उसे छोड़ दिया गया। यह निर्णय हैरतअंगेज़ करने वाला था क्योंकि पंच लोग केवल दबंग लोगों का साथ देते हैं। चाहे वे कितना ही गलत कार्य क्यों न करें।
Q3) पाँच वर्ष की वय में ब्याही जानेवाली लड़कियाँ में सिर्फ़ भक्तिन नहीं है, बल्कि आज भी हज़ारों अभागिनियाँ हैं। बाल-विवाह और उम्र के अनमेलपन वाले विवाह की अपने आस-पास हो रही घटनाओं पर दोस्तों के साथ परिचर्चा करें।
Answer) हमारे देश में नारी पर आज भी अत्याचार हो रहे हैं। अनपढ़ जनता पुरानी लीक पर चल रही है। पाँच वर्ष तो क्या दुधमुँही बच्ची की शादी की जा रही है। पश्चिमी राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के देहातों में एक महीने की बच्चियों का विवाह (गौना) किया जा रहा है। आए दिन अखबारों में पढ़ते हैं कि दो दिन की बच्ची की शादी कर दी। कई बार तो दस वर्ष की बच्ची की शादी तीस वर्ष के युवक के साथ कर दी जाती है।
Q4) महादेवी जी इस पाठ में हिरनी सोना, कुत्ता बसंत, बिल्ली गोधूलि आदि के माध्यम से पशु- पक्षी को मानवीय संवेदना से उकेरने वाली लेखिका के रूप में उभरती हैं। उन्होंने अपने घर में और भी कई पशु-पक्षी पाल रखे थे तथा उन पर रेखाचित्र भी लिखे हैं। शिक्षक की सहायता से उन्हें ढूँढकर पढ़ें। जो मेरा परिवार नाम से प्रकाशित है।
Answer) यह बात बिलकुल सत्य है कि महादेवी जी पशु-पक्षी के प्रति अधिक संवेदनशील थीं। उन्होंने कई प्रकार के पशु पक्षी पाल रखे थे। महादेवीजी ने अपने घर में हिरनी सोना, कुत्ता वसंत, बिल्ली गोधूलि के अतिरिक्त लक्का कबूतर, चित्रा बिल्ली, नीलकंठ मोर, कजली कुतिया, गिल्लू कौवा, दुर्मुख खरगोश, गौरा गऊ, रोजी कुतिया, निक्की नेवला और रानी घोड़ी आदि पशु पक्षी पाल रखे थे।
भाषा की बात
Q1) नीचे दिए गए विशिष्ट भाषा-प्रयोगों के उदाहरणों को ध्यान से पढ़िए और इनकी अर्थ- छवि स्पष्ट कीजिए-
(क) पहली कन्या के दो संस्करण और कर डाले
(ख) खोटे सिक्कों की टकसाल जैसी पत्नी
(ग) अस्पष्ट पुनरावृत्तियाँ और स्पष्ट सहानुभूतिपूर्ण
Answer क) पहली कन्या के जैसे दिखने वाली और दो कन्याओं का जन्म हुआ। लेखिका ने ऐसा इसलिए लिखा है क्योंकि किसी कहानी का पहला संस्करण निकलने के बाद उसके अन्य संस्करण निकाले जाते हैं। वह होते ठीक पहले के समान हैं। ऐसे ही भक्तिन की पहली कन्या के समान अन्य दो कन्याओं का जन्म हुआ।
Answer ख) ऐसी पत्नी जो ससुराल की नज़रों में खोटे सिक्के की टकसाल के समान थी। यहाँ पर खोटे सिक्के कन्याओं को बताया गया है। भक्तिन ने बेटे को जन्म नहीं दे पायी थी। अतः वह खोटे सिक्के की टकसाल के समान थी। यदि वह बेटों को जन्म दे पाती, तो वह कभी खोटे सिक्के वाली टकसाल नहीं कही जाती। बेटी पैदा करना उसका सबसे बड़ा अवगुण था।
Answer ग) ऐसी बातें जो बार-बार सुनाई दी जा रही थीं लेकिन वे इतने धीरे बोली जा रही थीं कि साफ़ तौर पर पता नहीं चल रहा था कि बात किस विषय में है। इसके साथ ही जो लोग धीरे-धीरे बोल रहे थे उनकी बातें सुनने में न आए लेकिन उनके चेहरे पर एक सहानुभूति साफ़ रूप से देखी जा सकती थी। मानो कह रहे हों कि हम इस दुख की घड़ी में तुम्हारे हैं।
Q2)
‘बहनोई’ शब्द ‘बहन (स्त्री.)+ओई’ से बना है। इस शब्द में हिंदी भाषा की एक अनन्य विशेषता प्रकट हुई है। पुंलिंग शब्दों में कुछ स्त्री-प्रत्यय जोड़ने से स्त्रीलिंग शब्द बनाने की एक समान प्रकिया कई भाषाओं में दिखती है, पर स्त्रीलिंग शब्द में कुछ पुं. प्रत्यय जोड़कर पुंलिंग शब्द बनाने की घटना प्रायः अन्य भाषाओं में दिखलाई नहीं पड़ती है। यहाँ पुं. प्रत्यय ‘ओई’ हिंदी की अपनी विशेषता है। ऐसे कुछ और शब्द उनमें लगे पुं. प्रत्ययों की हिंदी तथा और भाषाओं में खोज करें।
Answer) ये ऐसे शब्द हैं, जिनमें एय प्रत्यय लगाकर पुल्लिंग शब्दों का निर्माण हुआ।
ननद + आई = ननदोई
गंगा+एय = गांगेय
राधा+एय = राधेय
Q3) पाठ में आए लोकभाषा के इन संवादों को समझ कर इन्हें खड़ी बोली हिंदी में ढाल कर प्रस्तुत कीजिए।
(क) ई कउन बड़ी बात आय। रोटी बनाय जानित है, दाल राँघ लेइत है, साग-भाजी छँउक सकित है, आउर बाकी का रहा।
(ख) हमारे मालकिन तौ रात-दिन कितबयिन माँ गड़ी रहती हैं। अब हमहूँ पढ़ै लागब तो घर-गिरिस्ती कउन देखी-सुनी।
(ग) ऊ बिचारअउ तौ रात-दिन काम माँ जुकी रहती हैं, अउर तुम पचै घमती-फिरती हौ, चलौ तनिक हाथ बटाय लेउ।
(घ) तब ऊ कुच्छौ करिहैं-धरिहैं ना-बस गली-गली गाउत-बजाउत फिरिहैं।
(ङ) तुम पचै का का बताईययहै पचास बरिस से संग रहित हैं।
(च) हम कुकुरी बिलारी न होयँ, हमार मन पुसाई तौ हम दूसरा के जाब नाहिं त तुम्हार पचै की छाती पै होरहा भूँजब और राज करब, समुझे रहौ।
Answer क) यह कौन-सी बड़ी बात है। रोटी बनाना जानती हूँ, दाल बना लेती हूँ, साग-सब्जी छौंक सकती हूँ, और बाकी क्या रह गया है।
Answer ख) हमारी मालकिन तो रात-दिन किताबों में गड़ी रहती है। अब मैं ही पढ़ने लगी तो घर-गृहस्थी कौन देखेगा-सुनेगा।
Answer ग) वह बेचारी तो रात-दिन काम में लगी रहती हैं, और तुम पीछे-पीछे घुमती-फिरती हो, चलो थोड़ा हाथ बटा दो।
Answer घ) तब वह कुछ करता-धरता नहीं था, बस गली-गली गाता-बजाता फिरता था।
Answer ङ) तुमको क्या-क्या बताऊँ- यह पचास वर्ष से साथ रहती हैं।
Answer च) मैं कुत्तिया-बिल्ली नहीं हूँ, अगर हमारा मन चाहेगा, तो हम दूसरे के पास जाएँगे नहीं तो मैं सबकी छाती पर चने भूनूँगी और राज करूँगी, सब समझ लो।
Q4)
भक्तिन पाठ में पहली कन्या के दो संस्कर जैसे प्रयोग लेखिका के खास भाषाई संस्कार की पहचान कराता है, साथ ही ये प्रयोग कथ्य को संप्रेषणीय बनाने में भी मददगार हैं। वर्तमान हिंदी में भी कुछ अन्य प्रकार की शब्दावली समाहित हुई है। नीचे कुछ वाक्य दिए जा रहे हैं जिससे वक्ता की खास पसंद का पता चलता है। आप वाक्य पढ़कर बताएँ कि इमें किन तीन विशेष प्रकार की शब्दावली का प्रयोग हुआ है? इन शब्दावलियों या इनके अतिरिक्त अन्य किन्हीं विशेष शब्दावलियों का प्रयोग करते हुए आप भी कुछ वाक्य बनाएँ और कक्षा में चर्चा करें कि ऐसे प्रयोग भाषा की समृद्धि में कहाँ तक सहायक है?
–अरे! उससे सावधान रहना! वह नीचे से ऊपर तक वायरस से भरा हुआ है। जिस सिस्टम में जाता है उसे हैंग कर देता है।
–घबरा मत! मेरी इनस्वींगर के सामने उसके सारे वायरस घुटने टेकेंगे। अगर ज़्यादा फ़ाउल मारा तो रेड कार्ड दिखा के हमेशा के लिए पवेलियन भेज दूँगा।
–जानी टेंसन नई लेने का वो जिस स्कूल में पढ़ता है अपुन उसका हैडमास्टर है।
Answer) इस प्रकार की शब्दावलियों का प्रयोग पिछले कुछ समय से बढ़ गया है। यह टपोरी शब्दावली है। वास्तव में यह हिंग्लिश शब्दावली के नाम से जानी जाती है। पहले वाक्य में कंप्यूटर शब्दावली का प्रयोग हुआ। दूसरे वाक्य में खेलात्मक शब्दावली का प्रयोग किया है। अंतिम वाक्य में मुंबईया शब्दावली का प्रयोग हुआ है। इन प्रयोगों से भाषा का मूल स्वरूप बिगड़ जाता है। ऐसी शब्दावली भाषा को समृद्धि नहीं बल्कि कंगाली देती है अर्थात् भाषा की अपनी सार्थकता खत्म हो जाती है। कुछ और उदाहरणों को देखें
- तुम अपन को जानताई छ नहीं है।
- तेरा रामू के साथ टांका भिड्रेला है भेडू।
- जो तुम कहते हो वह कंप्यूटर की तरह मेरे दिमाग में फीड हो जाता है।
- इस बार दलजीत ने कुछ कहा तो उसे स्टेडियम की फुटबाल की तरह बाहर भेज दूंगा।
- तेरे नखरे भी शेयर बाजार जैसे चढ़ते जा रहे हैं।
That’s it. These were the solutions of NCERT Class 12 Hindi Chapter 11 – भक्तिन. Our team hopes that you have found these solutions helpful for you. If you have any doubt related to this chapter then feel free to comment your doubts below. Our team will try their best to help you with your doubts.